Brahm Kavach – Hindi Lyrics
Brahm Kavach in Hindi with Lyrics
Brahm Kavach in Hindi
इक ओङ्गकार श्री वाहेगुरु जी की फ़तेह
ब्रह्म कवच
पातशाही दसवीं
खड़ग खंडा असी अरिगर धरम रछ तग छत्री।
विश्व पाल भूपाल पछ पल भछ रण कछ अत्री।
राज मण्डा अति प्रचण्डा ईशवरी करवार है।
शक्ति ब्रहिमी बैसनवी भवानी तूँ तरवार है।
नित्त ज्योति मुक्ति दायिक धाराधार कृपाण है।
चण्डका मंडका मृत्तका जगत जननी कालका गुणखान हैं।
भव मानका खल हान का रत्त पानका जग मान है।
ऐह कवच ब्रह्मा को बतीसा पढै जो नित्त छत्री।
रण जीत लैह निर्भीत रेहि ऋद्ध सिद्ध पावै अत्री।
लहि बेद भेद जौ पढै ब्रिप बैसेय धन सुख सम्मपता।
धन धान तन अरोग सुदर पाई सुख अकम्पता ।
एहि बोला हरगोबिंद का सुणो खालसा बीर।
फ़तिह पावो मैदान मै पकड़ हाथ शमशीर।
Brahm Kavach in Hindi with Lyrics
दोहरा
या बिधि नाम उचार, बिद्ध पुना करियो प्रयोग, पाठ सवा लख हवन कर, जीत जंग तब होग।