Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar Path in Hindi
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
आसा महला ४ छंत घरु ४ ॥
(छंत)
हरि अम्रित भिंने लोइणा मनु प्रेमि रतंना राम राजे ॥ मनु रामि कसवटी लाइआ कंचनु सोविंना ॥
गुरमुखि रंगि चलूलिआ मेरा मनु तनो भिंना ॥ जनु नानकु मुसकि झकोलिआ सभु जनमु धनु धंना ॥१॥
ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि ॥
आसा महला १ ॥
वार सलोका नालि सलोक भी महले पहिले के लिखे टुंडे अस राजै की धुनी ॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
सलोकु मः १ ॥
बलिहारी गुर आपणे दिउहाड़ी सद वार ॥ जिनि माणस ते देवते कीए करत न लागी वार ॥१॥
महला २ ॥
जे सउ चंदा उगवहि सूरज चड़हि हजार ॥ एते चानण होदिआं गुर बिनु घोर अंधार ॥२॥
मः १ ॥
नानक गुरू न चेतनी मनि आपणै सुचेत ॥ छुटे तिल बूआड़ जिउ सुंञे अंदरि खेत ॥
खेतै अंदरि छुटिआ कहु नानक सउ नाह ॥ फलीअहि फुलीअहि बपुड़े भी तन विचि सुआह ॥३॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 1)
पउड़ी ॥
आपीन्है आपु साजिओ आपीन्है रचिओ नाउ ॥ दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ ॥
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ ॥ तूं जाणोई सभसै दे लैसहि जिंदु कवाउ ॥ करि आसणु डिठो चाउ ॥१॥
(छंत)
हरि प्रेम बानी मनु मार्या अणियाले अणिया राम राजे ॥ जिसु लागी पीर पिरंम की सो जानै जरिया ॥
जीवन मुकति सो आखीऐ मरि जीवै मरिया ॥ जन नानक सतिगुरु मेलि हरि जगु दुतरु तरिया ॥२॥
सलोकु मः १ ॥
सचे तेरे खंड सचे ब्रहमंड ॥ सचे तेरे लोअ सचे आकार ॥ सचे तेरे करणे सरब बीचार ॥
सचा तेरा अमरु सचा दीबाणु ॥ सचा तेरा हुकमु सचा फुरमाणु ॥
सचा तेरा करमु सचा नीसाणु ॥ सचे तुधु आखहि लख करोड़ि ॥
सचै सभि ताणि सचै सभि जोरि ॥ सची तेरी सिफति सची सालाह ॥
सची तेरी कुदरति सचे पातिसाह ॥ नानक सचु धिआइनि सचु ॥ जो मरि जमे सु कचु निकचु ॥१॥
मः १ ॥
वडी वडिआई जा वडा नाउ ॥ वडी वडिआई जा सचु निआउ ॥
वडी वडिआई जा निहचल थाउ ॥ वडी वडिआई जाणै आलाउ ॥
वडी वडिआई बुझै सभि भाउ ॥ वडी वडिआई जा पुछि न दाति ॥
वडी वडिआई जा आपे आपि ॥ नानक कार न कथनी जाइ ॥ कीता करणा सरब रजाइ ॥२॥
महला २ ॥
इहु जगु सचै की है कोठड़ी सचे का विचि वासु ॥ इकन्हा हुकमि समाइ लए इकन्हा हुकमे करे विणासु ॥
इकन्हा भाणै कढि लए इकन्हा माइआ विचि निवासु ॥ एव भि आखि न जापई जि किसै आणे रासि ॥
नानक गुरमुखि जाणीऐ जा कउ आपि करे परगासु ॥३॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 2)
पउड़ी ॥
नानक जीअ उपाइ कै लिखि नावै धरमु बहालिआ ॥ ओथै सचे ही सचि निबड़ै चुणि वखि कढे जजमालिआ ॥
थाउ न पाइनि कूड़िआर मुह काल्है दोजकि चालिआ ॥ तेरै नाइ रते से जिणि गए हारि गए सि ठगण वालिआ ॥
लिखि नावै धरमु बहालिआ ॥२॥
(छंत)
हम मूरख मुगध सरणागती मिलु गोविन्द रंगा राम राजे ॥ गुरि पूरै हरि पायआ हरि भगति इक मंगा ॥
मेरा मनु तनु सबदि विगास्या जपि अनत तरंगा ॥ मिलि संत जना हरि पायआ नानक सतसंगा ॥३॥
सलोक मः १ ॥
विसमादु नाद विसमादु वेद ॥ विसमादु जीअ विसमादु भेद ॥ विसमादु रूप विसमादु रंग ॥
विसमादु नागे फिरहि जंत ॥ विसमादु पउणु विसमादु पाणी ॥ विसमादु अगनी खेडहि विडाणी ॥
विसमादु धरती विसमादु खाणी ॥ विसमादु सादि लगहि पराणी ॥ विसमादु संजोगु विसमादु विजोगु ॥
विसमादु भुख विसमादु भोगु ॥ विसमादु सिफति विसमादु सालाह ॥ विसमादु उझड़ विसमादु राह ॥
विसमादु नेड़ै विसमादु दूरि ॥ विसमादु देखै हाजरा हजूरि ॥ वेखि विडाणु रहिआ विसमादु ॥ नानक बुझणु पूरै भागि ॥१॥
मः १ ॥
कुदरति दिसै कुदरति सुणीऐ कुदरति भउ सुख सारु ॥ कुदरति पाताली आकासी कुदरति सरब आकारु ॥
कुदरति वेद पुराण कतेबा कुदरति सरब वीचारु ॥ कुदरति खाणा पीणा पैन्हणु कुदरति सरब पिआरु ॥
कुदरति जाती जिनसी रंगी कुदरति जीअ जहान ॥ कुदरति नेकीआ कुदरति बदीआ कुदरति मानु अभिमानु ॥
कुदरति पउणु पाणी बैसंतरु कुदरति धरती खाकु ॥ सभ तेरी कुदरति तूं कादिरु करता पाकी नाई पाकु ॥
नानक हुकमै अंदरि वेखै वरतै ताको ताकु ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 3)
पउड़ी ॥
आपीन्है भोग भोगि कै होइ भसमड़ि भउरु सिधाइआ ॥ वडा होआ दुनीदारु गलि संगलु घति चलाइआ ॥
अगै करणी कीरति वाचीऐ बहि लेखा करि समझाइआ ॥ थाउ न होवी पउदीई हुणि सुणीऐ किआ रूआइआ ॥
मनि अंधै जनमु गवाइआ ॥३॥
(छंत)
दीन दयाल सुनि बेनती हरि प्रभ हरि रायआ राम राजे ॥ हउ मागउ सरनि हरि नाम की हरि हरि मुखि पायआ ॥
भगति वछलु हरि बिरदु है हरि लाज रखायआ ॥ जनु नानकु सरणागती हरि नामि तरायआ ॥४॥१॥८॥
सलोक मः १ ॥
भै विचि पवणु वहै सदवाउ ॥ भै विचि चलहि लख दरीआउ ॥ भै विचि अगनि कढै वेगारि ॥
भै विचि धरती दबी भारि ॥ भै विचि इंदु फिरै सिर भारि ॥ भै विचि राजा धरम दुआरु ॥
भै विचि सूरजु भै विचि चंदु ॥ कोह करोड़ी चलत न अंतु ॥ भै विचि सिध बुध सुर नाथ ॥
भै विचि आडाणे आकास ॥ भै विचि जोध महाबल सूर ॥ भै विचि आवहि जावहि पूर ॥
सगलिआ भउ लिखिआ सिरि लेखु ॥ नानक निरभउ निरंकारु सचु एकु ॥१॥
मः १ ॥
नानक निरभउ निरंकारु होरि केते राम रवाल ॥ केतीआ कंन्ह कहाणीआ केते बेद बीचार ॥
केते नचहि मंगते गिड़ि मुड़ि पूरहि ताल ॥ बाजारी बाजार महि आइ कढहि बाजार ॥
गावहि राजे राणीआ बोलहि आल पताल ॥ लख टकिआ के मुंदड़े लख टकिआ के हार ॥
जितु तनि पाईअहि नानका से तन होवहि छार ॥ गिआनु न गलीई ढूढीऐ कथना करड़ा सारु ॥
करमि मिलै ता पाईऐ होर हिकमति हुकमु खुआरु ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 4)
पउड़ी ॥
नदरि करहि जे आपणी ता नदरी सतिगुरु पाइआ ॥ एहु जीउ बहुते जनम भरमिआ ता सतिगुरि सबदु सुणाइआ ॥
सतिगुर जेवडु दाता को नही सभि सुणिअहु लोक सबाइआ ॥ सतिगुरि मिलिऐ सचु पाइआ जिन्ही विचहु आपु गवाइआ ॥
जिनि सचो सचु बुझाइआ ॥४॥
(छंत) आसा महला ४ ॥
गुरमुखि ढूंढि ढूढेद्या हरि सजनु लधा राम राजे ॥ कंचन कायआ कोट गड़ विचि हरि हरि सिधा ॥
हरि हरि हीरा रतनु है मेरा मनु तनु विधा ॥ धुरि भाग वडे हरि पायआ नानक रसि गुधा ॥१॥
सलोक मः १ ॥
घड़ीआ सभे गोपीआ पहर कंन्ह गोपाल ॥ गहणे पउणु पाणी बैसंतरु चंदु सूरजु अवतार ॥
सगली धरती मालु धनु वरतणि सरब जंजाल ॥ नानक मुसै गिआन विहूणी खाइ गइआ जमकालु ॥१॥
मः १ ॥
वाइनि चेले नचनि गुर ॥ पैर हलाइनि फेरन्हि सिर ॥ उडि उडि रावा झाटै पाइ ॥वेखै लोकु हसै घरि जाइ ॥
रोटीआ कारणि पूरहि ताल ॥ आपु पछाड़हि धरती नालि ॥ गावनि गोपीआ गावनि कान्ह ॥ गावनि सीता राजे राम ॥
निरभउ निरंकारु सचु नामु ॥ जा का कीआ सगल जहानु ॥ सेवक सेवहि करमि चड़ाउ ॥ भिंनी रैणि जिन्हा मनि चाउ ॥
सिखी सिखिआ गुर वीचारि ॥ नदरी करमि लघाए पारि ॥ कोलू चरखा चकी चकु ॥ थल वारोले बहुतु अनंतु ॥
लाटू माधाणीआ अनगाह ॥ पंखी भउदीआ लैनि न साह ॥ सूऐ चाड़ि भवाईअहि जंत ॥ नानक भउदिआ गणत न अंत ॥
बंधन बंधि भवाए सोइ ॥ पइऐ किरति नचै सभु कोइ ॥ नचि नचि हसहि चलहि से रोइ ॥ उडि न जाही सिध न होहि ॥
नचणु कुदणु मन का चाउ ॥ नानक जिन्ह मनि भउ तिन्हा मनि भाउ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 5)
पउड़ी ॥
नाउ तेरा निरंकारु है नाइ लइऐ नरकि न जाईऐ ॥ जीउ पिंडु सभु तिस दा दे खाजै आखि गवाईऐ ॥
जे लोड़हि चंगा आपणा करि पुंनहु नीचु सदाईऐ ॥ जे जरवाणा परहरै जरु वेस करेदी आईऐ ॥
को रहै न भरीऐ पाईऐ ॥५॥
(छंत)
पंथु दसावा नित खड़ी मुंध जोबनि बाली राम राजे ॥ हरि हरि नामु चेताय गुर हरि मारगि चाली ॥
मेरै मनि तनि नामु आधारु है हउमै बिखु जाली ॥ जन नानक सतिगुरु मेलि हरि हरि मिल्या बनवाली ॥२॥
सलोक मः १ ॥
सिफति सरीअति पड़ि पड़ि करहि बीचारु ॥ बंदे से जि पवहि विचि बंदी वेखण कउ दीदारु ॥
हिंदू सालाही सालाहनि दरसनि रूपि अपारु ॥ तीरथि नावहि अरचा पूजा अगर वासु बहकारु ॥
जोगी सुंनि धिआवन्हि जेते अलख नामु करतारु ॥ सूखम मूरति नामु निरंजन काइआ का आकारु ॥
सतीआ मनि संतोखु उपजै देणै कै वीचारि ॥ दे दे मंगहि सहसा गूणा सोभ करे संसारु ॥
चोरा जारा तै कूड़िआरा खाराबा वेकार ॥ इकि होदा खाइ चलहि ऐथाऊ तिना भि काई कार ॥
जलि थलि जीआ पुरीआ लोआ आकारा आकार ॥ ओइ जि आखहि सु तूंहै जाणहि तिना भि तेरी सार ॥
नानक भगता भुख सालाहणु सचु नामु आधारु ॥ सदा अनंदि रहहि दिनु राती गुणवंतिआ पा छारु ॥१॥
मः १ ॥
मिटी मुसलमान की पेड़ै पई कुम्हिआर ॥ घड़ि भांडे इटा कीआ जलदी करे पुकार ॥
जलि जलि रोवै बपुड़ी झड़ि झड़ि पवहि अंगिआर ॥ नानक जिनि करतै कारणु कीआ सो जाणै करतारु ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 6)
पउड़ी ॥
बिनु सतिगुर किनै न पाइओ बिनु सतिगुर किनै न पाइआ ॥ सतिगुर विचि आपु रखिओनु करि परगटु आखि सुणाइआ ॥
सतिगुर मिलिऐ सदा मुकतु है जिनि विचहु मोहु चुकाइआ ॥ उतमु एहु बीचारु है जिनि सचे सिउ चितु लाइआ ॥
जगजीवनु दाता पाइआ ॥६॥
(छंत)
गुरमुखि प्यारे आइ मिलु मै चिरी विछुन्ने राम राजे ॥ मेरा मनु तनु बहुतु बैराग्या हरि नैन रसि भिन्ने ॥
मै हरि प्रभु प्यारा दसि गुरु मिलि हरि मनु मन्ने ॥ हउ मूरखु कारै लाईआ नानक हरि कंमे ॥३॥
सलोक मः १ ॥
हउ विचि आइआ हउ विचि गइआ ॥ हउ विचि जमिआ हउ विचि मुआ ॥ हउ विचि दिता हउ विचि लइआ ॥
हउ विचि खटिआ हउ विचि गइआ ॥ हउ विचि सचिआरु कूड़िआरु ॥ हउ विचि पाप पुंन वीचारु ॥
हउ विचि नरकि सुरगि अवतारु ॥ हउ विचि हसै हउ विचि रोवै ॥ हउ विचि भरीऐ हउ विचि धोवै ॥
हउ विचि जाती जिनसी खोवै ॥ हउ विचि मूरखु हउ विचि सिआणा ॥ मोख मुकति की सार न जाणा ॥
हउ विचि माइआ हउ विचि छाइआ ॥ हउमै करि करि जंत उपाइआ ॥ हउमै बूझै ता दरु सूझै ॥
गिआन विहूणा कथि कथि लूझै ॥ नानक हुकमी लिखीऐ लेखु ॥ जेहा वेखहि तेहा वेखु ॥१॥
महला २ ॥
हउमै एहा जाति है हउमै करम कमाहि ॥ हउमै एई बंधना फिरि फिरि जोनी पाहि ॥
हउमै किथहु ऊपजै कितु संजमि इह जाइ ॥ हउमै एहो हुकमु है पइऐ किरति फिराहि ॥
हउमै दीरघ रोगु है दारू भी इसु माहि ॥ किरपा करे जे आपणी ता गुर का सबदु कमाहि ॥
नानकु कहै सुणहु जनहु इतु संजमि दुख जाहि ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 7)
पउड़ी ॥
सेव कीती संतोखीईजिन्ही सचो सचु धिआइआ ॥ ओन्ही मंदै पैरु न रखिओ करि सुक्रितु धरमु कमाइआ ॥
ओन्ही दुनीआ तोड़े बंधना अंनु पाणी थोड़ा खाइआ ॥ तूं बखसीसी अगला नित देवहि चड़हि सवाइआ ॥
वडिआई वडा पाइआ ॥७॥
(छंत)
गुर अंमृत भिन्नी देहुरी अंमृतु बुरके राम राजे ॥ जिना गुरबानी मनि भाईआ अंमृति छकि छके ॥
गुर तुठै हरि पायआ चूके धक धके ॥ हरि जनु हरि हरि होया नानकु हरि इके ॥४॥२॥९॥
सलोक मः १ ॥
पुरखां बिरखां तीरथां तटां मेघां खेतांह ॥ दीपां लोआं मंडलां खंडां वरभंडांह ॥ अंडज जेरज उतभुजां खाणी सेतजांह ॥
सो मिति जाणै नानका सरां मेरां जंताह ॥ नानक जंत उपाइ कै समाले सभनाह ॥
जिनि करतै करणा कीआ चिंता भि करणी ताह ॥ सो करता चिंता करे जिनि उपाइआ जगु ॥
तिसु जोहारी सुअसति तिसु तिसु दीबाणु अभगु ॥ नानक सचे नाम बिनु किआ टिका किआ तगु ॥१॥
मः १ ॥
लख नेकीआ चंगिआईआ लख पुंना परवाणु ॥ लख तप उपरि तीरथां सहज जोग बेबाण ॥
लख सूरतण संगराम रण महि छुटहि पराण ॥ लख सुरती लख गिआन धिआन पड़ीअहि पाठ पुराण ॥
जिनि करतै करणा कीआ लिखिआ आवण जाणु ॥ नानक मती मिथिआ करमु सचा नीसाणु ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 8)
पउड़ी ॥
सचा साहिबु एकु तूं जिनि सचो सचु वरताइआ ॥ जिसु तूं देहि तिसु मिलै सचु ता तिन्ही सचु कमाइआ ॥
सतिगुरि मिलिऐ सचु पाइआ जिन्ह कै हिरदै सचु वसाइआ ॥ मूरख सचु न जाणन्ही मनमुखी जनमु गवाइआ ॥
विचि दुनीआ काहे आइआ ॥८॥
(छंत) आसा महला ४ ॥
हरि अंमृत भगति भंडार है गुर सतिगुर पासे राम राजे ॥ गुरु सतिगुरु सचा साहु है सिख देइ हरि रासे ॥
धनु धन्नु वणजारा वणजु है गुरु साहु साबासे ॥ जनु नानकु गुरु तिनी पायआ जिन धुरि लिखतु लिलाटि लिखासे ॥१॥
सलोकु मः १ ॥
पड़ि पड़ि गडी लदीअहि पड़ि पड़ि भरीअहि साथ ॥ पड़ि पड़ि बेड़ी पाईऐ पड़ि पड़ि गडीअहि खात ॥
पड़ीअहि जेते बरस बरस पड़ीअहि जेते मास ॥ पड़ीऐ जेती आरजा पड़ीअहि जेते सास ॥
नानक लेखै इक गल होरु हउमै झखणा झाख ॥१॥
मः १ ॥
लिखि लिखि पड़िआ ॥ तेता कड़िआ ॥ बहु तीरथ भविआ ॥ तेतो लविआ ॥ बहु भेख कीआ देही दुखु दीआ ॥
सहु वे जीआ अपणा कीआ ॥ अंनु न खाइआ सादु गवाइआ ॥ बहु दुखु पाइआ दूजा भाइआ ॥ बसत्र न पहिरै ॥
अहिनिसि कहरै ॥ मोनि विगूता ॥ किउ जागै गुर बिनु सूता ॥ पग उपेताणा ॥ अपणा कीआ कमाणा ॥
अलु मलु खाई सिरि छाई पाई ॥ मूरखि अंधै पति गवाई ॥ विणु नावै किछु थाइ न पाई ॥ रहै बेबाणी मड़ी मसाणी ॥
अंधु न जाणै फिरि पछुताणी ॥ सतिगुरु भेटे सो सुखु पाए ॥ हरि का नामु मंनि वसाए ॥ नानक नदरि करे सो पाए ॥
आस अंदेसे ते निहकेवलु हउमै सबदि जलाए ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 9)
पउड़ी ॥
भगत तेरै मनि भावदे दरि सोहनि कीरति गावदे ॥ नानक करमा बाहरे दरि ढोअ न लहन्ही धावदे ॥
इकि मूलु न बुझन्हि आपणा अणहोदा आपु गणाइदे ॥ हउ ढाढी का नीच जाति होरि उतम जाति सदाइदे ॥
तिन्ह मंगा जि तुझै धिआइदे ॥९॥
(छंत)
सचु साहु हमारा तूं धनी सभु जगतु वणजारा राम राजे ॥ सभ भांडे तुधै साज्या विचि वसतु हरि थारा ॥
जो पावह भांडे विचि वसतु सा निकलै क्या कोयी करे वेचारा ॥ जन नानक कउ हरि बखस्या हरि भगति भंडारा ॥२॥
सलोकु मः १ ॥
कूड़ु राजा कूड़ु परजा कूड़ु सभु संसारु ॥ कूड़ु मंडप कूड़ु माड़ी कूड़ु बैसणहारु ॥ कूड़ु सुइना कूड़ु रुपा कूड़ु पैन्हणहारु ॥
कूड़ु काइआ कूड़ु कपड़ु कूड़ु रूपु अपारु ॥ कूड़ु मीआ कूड़ु बीबी खपि होए खारु ॥ कूड़ि कूड़ै नेहु लगा विसरिआ करतारु ॥
किसु नालि कीचै दोसती सभु जगु चलणहारु ॥ कूड़ु मिठा कूड़ु माखिउ कूड़ु डोबे पूरु ॥ नानकु वखाणै बेनती तुधु बाझु कूड़ो कूड़ु ॥१॥
मः १ ॥
सचु ता परु जाणीऐ जा रिदै सचा होइ ॥ कूड़ की मलु उतरै तनु करे हछा धोइ ॥
सचु ता परु जाणीऐ जा सचि धरे पिआरु ॥ नाउ सुणि मनु रहसीऐ ता पाए मोख दुआरु ॥
सचु ता परु जाणीऐ जा जुगति जाणै जीउ ॥ धरति काइआ साधि कै विचि देइ करता बीउ ॥
सचु ता परु जाणीऐ जा सिख सची लेइ ॥ दइआ जाणै जीअ की किछु पुंनु दानु करेइ ॥
सचु तां परु जाणीऐ जा आतम तीरथि करे निवासु ॥ सतिगुरू नो पुछि कै बहि रहै करे निवासु ॥
सचु सभना होइ दारू पाप कढै धोइ ॥ नानकु वखाणै बेनती जिन सचु पलै होइ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 10)
पउड़ी ॥
दानु महिंडा तली खाकु जे मिलै त मसतकि लाईऐ ॥ कूड़ा लालचु छडीऐ होइ इक मनि अलखु धिआईऐ ॥
फलु तेवेहो पाईऐ जेवेही कार कमाईऐ ॥ जे होवै पूरबि लिखिआ ता धूड़ि तिन्हा दी पाईऐ ॥
मति थोड़ी सेव गवाईऐ ॥१०॥
(छंत)
हम क्या गुन तेरे विथरह सुआमी तूं अपर अपारो राम राजे ॥ हरि नामु सालाहह दिनु राति एहा आस आधारो ॥
हम मूरख किछूय न जाणहा किव पावह पारो ॥ जनु नानकु हरि का दासु है हरि दास पनेहारो ॥३॥
सलोकु मः १ ॥
सचि कालु कूड़ु वरतिआ कलि कालख बेताल ॥ बीउ बीजि पति लै गए अब किउ उगवै दालि ॥
जे इकु होइ त उगवै रुती हू रुति होइ ॥ नानक पाहै बाहरा कोरै रंगु न सोइ ॥
भै विचि खु्मबि चड़ाईऐ सरमु पाहु तनि होइ ॥ नानक भगती जे रपै कूड़ै सोइ न कोइ ॥१॥
मः १ ॥
लबु पापु दुइ राजा महता कूड़ु होआ सिकदारु ॥ कामु नेबु सदि पुछीऐ बहि बहि करे बीचारु ॥
अंधी रयति गिआन विहूणी भाहि भरे मुरदारु ॥ गिआनी नचहि वाजे वावहि रूप करहि सीगारु ॥
ऊचे कूकहि वादा गावहि जोधा का वीचारु ॥ मूरख पंडित हिकमति हुजति संजै करहि पिआरु ॥
धरमी धरमु करहि गावावहि मंगहि मोख दुआरु ॥ जती सदावहि जुगति न जाणहि छडि बहहि घर बारु ॥
सभु को पूरा आपे होवै घटि न कोई आखै ॥ पति परवाणा पिछै पाईऐ ता नानक तोलिआ जापै ॥२॥
मः १ ॥
वदी सु वजगि नानका सचा वेखै सोइ ॥ सभनी छाला मारीआ करता करे सु होइ ॥
अगै जाति न जोरु है अगै जीउ नवे ॥ जिन की लेखै पति पवै चंगे सेई केइ ॥३॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 11)
पउड़ी ॥
धुरि करमु जिना कउ तुधु पाइआ ता तिनी खसमु धिआइआ ॥ एना जंता कै वसि किछु नाही तुधु वेकी जगतु उपाइआ ॥
इकना नो तूं मेलि लैहि इकि आपहु तुधु खुआइआ ॥ गुर किरपा ते जाणिआ जिथै तुधु आपु बुझाइआ ॥
सहजे ही सचि समाइआ ॥११॥
(छंत)
ज्यु भावै त्यु राखि लै हम सरनि प्रभ आए राम राजे ॥ हम भूलि विगाड़ह दिनसु राति हरि लाज रखाए ॥
हम बारिक तूं गुरु पिता है दे मति समझाए ॥ जनु नानकु दासु हरि कांढ्या हरि पैज रखाए ॥४॥३॥१०॥
सलोकु मः १ ॥
दुखु दारू सुखु रोगु भइआ जा सुखु तामि न होई ॥ तूं करता करणा मै नाही जा हउ करी न होई ॥१॥
बलिहारी कुदरति वसिआ ॥ तेरा अंतु न जाई लखिआ ॥१॥ रहाउ ॥
जाति महि जोति जोति महि जाता अकल कला भरपूरि रहिआ ॥
तूं सचा साहिबु सिफति सुआल्हिउ जिनि कीती सो पारि पइआ ॥
कहु नानक करते कीआ बाता जो किछु करणा सु करि रहिआ ॥२॥
मः २ ॥
जोग सबदं गिआन सबदं बेद सबदं ब्राहमणह ॥ खत्री सबदं सूर सबदं सूद्र सबदं परा क्रितह ॥
सरब सबदं एक सबदं जे को जाणै भेउ ॥ नानकु ता का दासु है सोई निरंजन देउ ॥३॥
मः २ ॥
एक क्रिसनं सरब देवा देव देवा त आतमा ॥ आतमा बासुदेवस्यि जे को जाणै भेउ ॥
नानकु ता का दासु है सोई निरंजन देउ ॥४॥
मः १ ॥
कु्मभे बधा जलु रहै जल बिनु कु्मभु न होइ ॥ गिआन का बधा मनु रहै गुर बिनु गिआनु न होइ ॥५॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 12)
पउड़ी ॥
पड़िआ होवै गुनहगारु ता ओमी साधु न मारीऐ ॥ जेहा घाले घालणा तेवेहो नाउ पचारीऐ ॥
ऐसी कला न खेडीऐ जितु दरगह गइआ हारीऐ ॥ पड़िआ अतै ओमीआ वीचारु अगै वीचारीऐ ॥
मुहि चलै सु अगै मारीऐ ॥१२॥
(छंत) आसा महला ४ ॥
जिन मसतकि धुरि हरि लिख्या तिना सतिगुरु मिल्या राम राजे ॥ अग्यानु अंधेरा कट्या गुर ग्यानु घटि बल्या ॥
हरि लधा रतनु पदारथो फिरि बहुड़ि न चल्या ॥ जन नानक नामु आराध्या आराधि हरि मिल्या ॥१॥
सलोकु मः १ ॥
नानक मेरु सरीर का इकु रथु इकु रथवाहु ॥ जुगु जुगु फेरि वटाईअहि गिआनी बुझहि ताहि ॥
सतजुगि रथु संतोख का धरमु अगै रथवाहु ॥ त्रेतै रथु जतै का जोरु अगै रथवाहु ॥
दुआपुरि रथु तपै का सतु अगै रथवाहु ॥ कलजुगि रथु अगनि का कूड़ु अगै रथवाहु ॥१॥
मः १ ॥
साम कहै सेत्मबरु सुआमी सच महि आछै साचि रहे ॥ सभु को सचि समावै ॥ रिगु कहै रहिआ भरपूरि ॥
राम नामु देवा महि सूरु ॥ नाइ लइऐ पराछत जाहि ॥ नानक तउ मोखंतरु पाहि ॥
जुज महि जोरि छली चंद्रावलि कान्ह क्रिसनु जादमु भइआ ॥ पारजातु गोपी लै आइआ बिंद्राबन महि रंगु कीआ ॥
कलि महि बेदु अथरबणु हूआ नाउ खुदाई अलहु भइआ ॥ नील बसत्र ले कपड़े पहिरे तुरक पठाणी अमलु कीआ ॥
चारे वेद होए सचिआर ॥ पड़हि गुणहि तिन्ह चार वीचार ॥ भाउ भगति करि नीचु सदाए ॥ तउ नानक मोखंतरु पाए ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 13)
पउड़ी ॥
सतिगुर विटहु वारिआ जितु मिलिऐ खसमु समालिआ ॥ जिनि करि उपदेसु गिआन अंजनु दीआ इन्ही नेत्री जगतु निहालिआ ॥
खसमु छोडि दूजै लगे डुबे से वणजारिआ ॥ सतिगुरू है बोहिथा विरलै किनै वीचारिआ ॥ करि किरपा पारि उतारिआ ॥१३॥
(छंत)
जिनी ऐसा हरि नामु न चेत्यो से काहे जगि आए राम राजे ॥ इहु मानस जनमु दुलंभु है नाम बिना बिरथा सभु जाए ॥
हुनि वतै हरि नामु न बीज्यो अगै भुखा क्या खाए ॥ मनमुखा नो फिरि जनमु है नानक हरि भाए ॥२॥
सलोकु मः १ ॥
सिमल रुखु सराइरा अति दीरघ अति मुचु ॥ ओइ जि आवहि आस करि जाहि निरासे कितु ॥
फल फिके फुल बकबके कमि न आवहि पत ॥ मिठतु नीवी नानका गुण चंगिआईआ ततु ॥
सभु को निवै आप कउ पर कउ निवै न कोइ ॥ धरि ताराजू तोलीऐ निवै सु गउरा होइ ॥
अपराधी दूणा निवै जो हंता मिरगाहि ॥ सीसि निवाइऐ किआ थीऐ जा रिदै कुसुधे जाहि ॥१॥
मः १ ॥
पड़ि पुसतक संधिआ बादं ॥ सिल पूजसि बगुल समाधं ॥ मुखि झूठ बिभूखण सारं ॥ त्रैपाल तिहाल बिचारं ॥
गलि माला तिलकु लिलाटं ॥ दुइ धोती बसत्र कपाटं ॥ जे जाणसि ब्रहमं करमं ॥
सभि फोकट निसचउ करमं ॥
कहु नानक निहचउ धिआवै ॥ विणु सतिगुर वाट न पावै ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 14)
पउड़ी ॥
कपड़ु रूपु सुहावणा छडि दुनीआ अंदरि जावणा ॥मंदा चंगा आपणा आपे ही कीता पावणा ॥
हुकम कीए मनि भावदे राहि भीड़ै अगै जावणा ॥नंगा दोजकि चालिआ ता दिसै खरा डरावणा ॥
करि अउगण पछोतावणा ॥१४॥
(छंत)
तूं हरि तेरा सभु को सभि तुधु उपाए राम राजे ॥ किछु हाथि किसै दै किछु नाही सभि चलह चलाए ॥
जिन तूं मेलह प्यारे से तुधु मिलह जो हरि मनि भाए ॥ जन नानक सतिगुरु भेट्या हरि नामि तराए ॥३॥
सलोकु मः १ ॥ दइआ कपाह संतोखु सूतु जतु गंढी सतु वटु ॥ एहु जनेऊ जीअ का हई त पाडे घतु ॥
ना एहु तुटै न मलु लगै ना एहु जलै न जाइ ॥ धंनु सु माणस नानका जो गलि चले पाइ ॥
चउकड़ि मुलि अणाइआ बहि चउकै पाइआ ॥ सिखा कंनि चड़ाईआ गुरु ब्राहमणु थिआ ॥
ओहु मुआ ओहु झड़ि पइआ वेतगा गइआ ॥१॥
मः १ ॥
लख चोरीआ लख जारीआ लख कूड़ीआ लख गालि ॥ लख ठगीआ पहिनामीआ राति दिनसु जीअ नालि ॥
तगु कपाहहु कतीऐ बाम्हणु वटे आइ ॥ कुहि बकरा रिंन्हि खाइआ सभु को आखै पाइ ॥
होइ पुराणा सुटीऐ भी फिरि पाईऐ होरु ॥ नानक तगु न तुटई जे तगि होवै जोरु ॥२॥
मः १ ॥
नाइ मंनिऐ पति ऊपजै सालाही सचु सूतु ॥ दरगह अंदरि पाईऐ तगु न तूटसि पूत ॥३॥
मः १ ॥
तगु न इंद्री तगु न नारी ॥ भलके थुक पवै नित दाड़ी ॥ तगु न पैरी तगु न हथी ॥
तगु न जिहवा तगु न अखी ॥ वेतगा आपे वतै ॥ वटि धागे अवरा घतै ॥ लै भाड़ि करे वीआहु ॥
कढि कागलु दसे राहु ॥ सुणि वेखहु लोका एहु विडाणु ॥ मनि अंधा नाउ सुजाणु ॥४॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 15)
पउड़ी ॥
साहिबु होइ दइआलु किरपा करे ता साई कार कराइसी ॥ सो सेवकु सेवा करे जिस नो हुकमु मनाइसी ॥
हुकमि मंनिऐ होवै परवाणु ता खसमै का महलु पाइसी ॥ खसमै भावै सो करे मनहु चिंदिआ सो फलु पाइसी ॥
ता दरगह पैधा जाइसी ॥१५॥
(छंत)
कोयी गावै रागी नादी बेदी बहु भांति करि नही हरि हरि भीजै राम राजे ॥
जिना अंतरि कपटु विकारु है तिना रोइ क्या कीजै ॥ हरि करता सभु किछु जाणदा सिरि रोग हथु दीजै ॥
जिना नानक गुरमुखि हिरदा सुधु है हरि भगति हरि लीजै ॥४॥४॥११॥
सलोक मः १ ॥
गऊ बिराहमण कउ करु लावहु गोबरि तरणु न जाई ॥ धोती टिका तै जपमाली धानु मलेछां खाई ॥
अंतरि पूजा पड़हि कतेबा संजमु तुरका भाई ॥ छोडीले पाखंडा ॥ नामि लइऐ जाहि तरंदा ॥१॥
मः १ ॥
माणस खाणे करहि निवाज ॥ छुरी वगाइनि तिन गलि ताग ॥ तिन घरि ब्रहमण पूरहि नाद ॥
उन्हा भि आवहि ओई साद ॥ कूड़ी रासि कूड़ा वापारु ॥ कूड़ु बोलि करहि आहारु ॥ सरम धरम का डेरा दूरि ॥
नानक कूड़ु रहिआ भरपूरि ॥ मथै टिका तेड़ि धोती कखाई ॥ हथि छुरी जगत कासाई ॥ नील वसत्र पहिरि होवहि परवाणु ॥
मलेछ धानु ले पूजहि पुराणु ॥ अभाखिआ का कुठा बकरा खाणा ॥ चउके उपरि किसै न जाणा ॥ दे कै चउका कढी कार ॥
उपरि आइ बैठे कूड़िआर ॥ मतु भिटै वे मतु भिटै ॥ इहु अंनु असाडा फिटै ॥ तनि फिटै फेड़ करेनि ॥
मनि जूठै चुली भरेनि ॥ कहु नानक सचु धिआईऐ ॥ सुचि होवै ता सचु पाईऐ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 16)
पउड़ी ॥
चितै अंदरि सभु को वेखि नदरी हेठि चलाइदा ॥ आपे दे वडिआईआ आपे ही करम कराइदा ॥
वडहु वडा वड मेदनी सिरे सिरि धंधै लाइदा ॥ नदरि उपठी जे करे सुलताना घाहु कराइदा ॥
दरि मंगनि भिख न पाइदा ॥१६॥
(छंत) आसा महला ४ ॥
जिन अंतरि हरि हरि प्रीति है ते जन सुघड़ स्याने राम राजे ॥ जे बाहरहु भुलि चुकि बोलदे भी खरे हरि भाणे ॥
हरि संता नो होरु थाउ नाही हरि मानु निमाणे ॥ जन नानक नामु दीबानु है हरि तानु सताणे ॥१॥
सलोकु मः १ ॥
जे मोहाका घरु मुहै घरु मुहि पितरी देइ ॥ अगै वसतु सिञाणीऐ पितरी चोर करेइ ॥
वढीअहि हथ दलाल के मुसफी एह करेइ ॥ नानक अगै सो मिलै जि खटे घाले देइ ॥१॥
मः १ ॥
जिउ जोरू सिरनावणी आवै वारो वार ॥ जूठे जूठा मुखि वसै नित नित होइ खुआरु ॥
सूचे एहि न आखीअहि बहनि जि पिंडा धोइ ॥ सूचे सेई नानका जिन मनि वसिआ सोइ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 17)
पउड़ी ॥
तुरे पलाणे पउण वेग हर रंगी हरम सवारिआ ॥ कोठे मंडप माड़ीआ लाइ बैठे करि पासारिआ ॥
चीज करनि मनि भावदे हरि बुझनि नाही हारिआ ॥ करि फुरमाइसि खाइआ वेखि महलति मरणु विसारिआ ॥
जरु आई जोबनि हारिआ ॥१७॥
(छंत)
जिथै जाय बहै मेरा सतिगुरू सो थानु सुहावा राम राजे ॥ गुरसिखी सो थानु भाल्या लै धूरि मुखि लावा ॥
गुरसिखा की घाल थाय पई जिन हरि नामु ध्यावा ॥ जिन नानकु सतिगुरु पूज्या तिन हरि पूज करावा ॥२॥
सलोकु मः १ ॥
जे करि सूतकु मंनीऐ सभ तै सूतकु होइ ॥ गोहे अतै लकड़ी अंदरि कीड़ा होइ ॥
जेते दाणे अंन के जीआ बाझु न कोइ ॥ पहिला पाणी जीउ है जितु हरिआ सभु कोइ ॥
सूतकु किउ करि रखीऐ सूतकु पवै रसोइ ॥ नानक सूतकु एव न उतरै गिआनु उतारे धोइ ॥१॥
मः १ ॥
मन का सूतकु लोभु है जिहवा सूतकु कूड़ु ॥ अखी सूतकु वेखणा पर त्रिअ पर धन रूपु ॥
कंनी सूतकु कंनि पै लाइतबारी खाहि ॥ नानक हंसा आदमी बधे जम पुरि जाहि ॥२॥
मः १ ॥
सभो सूतकु भरमु है दूजै लगै जाइ ॥ जमणु मरणा हुकमु है भाणै आवै जाइ ॥
खाणा पीणा पवित्रु है दितोनु रिजकु स्मबाहि ॥ नानक जिन्ही गुरमुखि बुझिआ तिन्हा सूतकु नाहि ॥३॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 18)
पउड़ी ॥
सतिगुरु वडा करि सालाहीऐ जिसु विचि वडीआ वडिआईआ ॥ सहि मेले ता नदरी आईआ ॥
जा तिसु भाणा ता मनि वसाईआ ॥ करि हुकमु मसतकि हथु धरि विचहु मारि कढीआ बुरिआईआ ॥
सहि तुठै नउ निधि पाईआ ॥१८॥
(छंत)
गुरसिखा मनि हरि प्रीति है हरि नाम हरि तेरी राम राजे ॥ करि सेवह पूरा सतिगुरू भुख जाय लह मेरी ॥
गुरसिखा की भुख सभ गई तिन पिछै होर खाय घनेरी ॥ जन नानक हरि पुन्नु बीज्या फिरि तोटि न आवै हरि पुन्न केरी ॥३॥
सलोकु मः १ ॥
पहिला सुचा आपि होइ सुचै बैठा आइ ॥ सुचे अगै रखिओनु कोइ न भिटिओ जाइ ॥
सुचा होइ कै जेविआ लगा पड़णि सलोकु ॥ कुहथी जाई सटिआ किसु एहु लगा दोखु ॥
अंनु देवता पाणी देवता बैसंतरु देवता लूणु पंजवा पाइआ घिरतु ॥ ता होआ पाकु पवितु ॥
पापी सिउ तनु गडिआ थुका पईआ तितु ॥ जितु मुखि नामु न ऊचरहि बिनु नावै रस खाहि ॥
नानक एवै जाणीऐ तितु मुखि थुका पाहि ॥१॥
मः १ ॥
भंडि जमीऐ भंडि निमीऐ भंडि मंगणु वीआहु ॥ भंडहु होवै दोसती भंडहु चलै राहु ॥
भंडु मुआ भंडु भालीऐ भंडि होवै बंधानु ॥ सो किउ मंदा आखीऐ जितु जमहि राजान ॥
भंडहु ही भंडु ऊपजै भंडै बाझु न कोइ ॥ नानक भंडै बाहरा एको सचा सोइ ॥
जितु मुखि सदा सालाहीऐ भागा रती चारि ॥ नानक ते मुख ऊजले तितु सचै दरबारि ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 19)
पउड़ी ॥
सभु को आखै आपणा जिसु नाही सो चुणि कढीऐ ॥ कीता आपो आपणा आपे ही लेखा संढीऐ ॥
जा रहणा नाही ऐतु जगि ता काइतु गारबि हंढीऐ ॥ मंदा किसै न आखीऐ पड़ि अखरु एहो बुझीऐ ॥
मूरखै नालि न लुझीऐ ॥१९॥
(छंत)
गुरसिखा मनि वाधाईआ जिन मेरा सतिगुरू डिठा राम राजे ॥ कोयी करि गल सुणावै हरि नाम की सो लगै गुरसिखा मनि मिठा ॥
हरि दरगह गुरसिख पैनाईअह जिना मेरा सतिगुरु तुठा ॥ जन नानकु हरि हरि होया हरि हरि मनि वुठा ॥४॥५॥१२॥
सलोकु मः १ ॥
नानक फिकै बोलिऐ तनु मनु फिका होइ ॥ फिको फिका सदीऐ फिके फिकी सोइ ॥
फिका दरगह सटीऐ मुहि थुका फिके पाइ ॥ फिका मूरखु आखीऐ पाणा लहै सजाइ ॥१॥
मः १ ॥
अंदरहु झूठे पैज बाहरि दुनीआ अंदरि फैलु ॥ अठसठि तीरथ जे नावहि उतरै नाही मैलु ॥
जिन्ह पटु अंदरि बाहरि गुदड़ु ते भले संसारि ॥ तिन्ह नेहु लगा रब सेती देखन्हे वीचारि ॥
रंगि हसहि रंगि रोवहि चुप भी करि जाहि ॥ परवाह नाही किसै केरी बाझु सचे नाह ॥
दरि वाट उपरि खरचु मंगा जबै देइ त खाहि ॥ दीबानु एको कलम एका हमा तुम्हा मेलु ॥
दरि लए लेखा पीड़ि छुटै नानका जिउ तेलु ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 20)
पउड़ी ॥
आपे ही करणा कीओ कल आपे ही तै धारीऐ ॥ देखहि कीता आपणा धरि कची पकी सारीऐ ॥
जो आइआ सो चलसी सभु कोई आई वारीऐ ॥ जिस के जीअ पराण हहि किउ साहिबु मनहु विसारीऐ ॥
आपण हथी आपणा आपे ही काजु सवारीऐ ॥२०॥
(छंत) आसा महला ४ ॥
जिना भेट्या मेरा पूरा सतिगुरू तिन हरि नामु द्रिड़ावै राम राजे ॥ तिस की त्रिसना भुख सभ उतरै जो हरि नामु ध्यावै ॥
जो हरि हरि नामु ध्याइदे तिन जमु नेड़ि न आवै ॥ जन नानक कउ हरि क्रिपा करि नित जपै हरि नामु हरि नामि तरावै ॥१॥
सलोकु महला २ ॥
एह किनेही आसकी दूजै लगै जाइ ॥ नानक आसकु कांढीऐ सद ही रहै समाइ ॥
चंगै चंगा करि मंने मंदै मंदा होइ ॥ आसकु एहु न आखीऐ जि लेखै वरतै सोइ ॥१॥
महला २ ॥
सलामु जबाबु दोवै करे मुंढहु घुथा जाइ ॥ नानक दोवै कूड़ीआ थाइ न काई पाइ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (Pauri 21)
पउड़ी ॥
जितु सेविऐ सुखु पाईऐ सो साहिबु सदा सम्हालीऐ ॥ जितु कीता पाईऐ आपणा सा घाल बुरी किउ घालीऐ ॥
मंदा मूलि न कीचई दे लमी नदरि निहालीऐ ॥ जिउ साहिब नालि न हारीऐ तेवेहा पासा ढालीऐ ॥
किछु लाहे उपरि घालीऐ ॥२१॥
(छंत)
जिनी गुरमुखि नामु ध्याया तिना फिरि बिघनु न होयी राम राजे ॥ जिनी सतिगुरु पुरखु मनायआ तिन पूजे सभु कोई ॥
जिनी सतिगुरु प्यारा सेव्या तिना सुखु सद होई ॥ जिना नानकु सतिगुरु भेट्या तिना मिल्या हरि सोई ॥२॥
सलोकु महला २ ॥
चाकरु लगै चाकरी नाले गारबु वादु ॥ गला करे घणेरीआ खसम न पाए सादु ॥
आपु गवाइ सेवा करे ता किछु पाए मानु ॥ नानक जिस नो लगा तिसु मिलै लगा सो परवानु ॥१॥
महला २ ॥
जो जीइ होइ सु उगवै मुह का कहिआ वाउ ॥ बीजे बिखु मंगै अम्रितु वेखहु एहु निआउ ॥२॥
महला २ ॥
नालि इआणे दोसती कदे न आवै रासि ॥ जेहा जाणै तेहो वरतै वेखहु को निरजासि ॥
वसतू अंदरि वसतु समावै दूजी होवै पासि ॥ साहिब सेती हुकमु न चलै कही बणै अरदासि ॥
कूड़ि कमाणै कूड़ो होवै नानक सिफति विगासि ॥३॥
महला २ ॥
नालि इआणे दोसती वडारू सिउ नेहु ॥ पाणी अंदरि लीक जिउ तिस दा थाउ न थेहु ॥४॥
महला २ ॥
होइ इआणा करे कमु आणि न सकै रासि ॥ जे इक अध चंगी करे दूजी भी वेरासि ॥५॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (pauri 22)
पउड़ी ॥
चाकरु लगै चाकरी जे चलै खसमै भाइ ॥ हुरमति तिस नो अगली ओहु वजहु भि दूणा खाइ ॥
खसमै करे बराबरी फिरि गैरति अंदरि पाइ ॥ वजहु गवाए अगला मुहे मुहि पाणा खाइ ॥
जिस दा दिता खावणा तिसु कहीऐ साबासि ॥ नानक हुकमु न चलई नालि खसम चलै अरदासि ॥२२॥
(छंत)
जिना अंतरि गुरमुखि प्रीति है तिन हरि रखणहारा राम राजे ॥ तिन की निन्दा कोयी क्या करे जिन हरि नामु प्यारा ॥
जिन हरि सेती मनु मान्या सभ दुसट झख मारा ॥ जन नानक नामु ध्याया हरि रखणहारा ॥३॥
सलोकु महला २ ॥
एह किनेही दाति आपस ते जो पाईऐ ॥ नानक सा करमाति साहिब तुठै जो मिलै ॥१॥
महला २ ॥
एह किनेही चाकरी जितु भउ खसम न जाइ ॥ नानक सेवकु काढीऐ जि सेती खसम समाइ ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (pauri 23)
पउड़ी ॥
नानक अंत न जापन्ही हरि ता के पारावार ॥ आपि कराए साखती फिरि आपि कराए मार ॥
इकन्हा गली जंजीरीआ इकि तुरी चड़हि बिसीआर ॥ आपि कराए करे आपि हउ कै सिउ करी पुकार ॥
नानक करणा जिनि कीआ फिरि तिस ही करणी सार ॥२३॥
(छंत)
हरि जुगु जुगु भगत उपायआ पैज रखदा आया राम राजे ॥ हरणाखसु दुसटु हरि मार्या प्रहलादु तरायआ ॥
अहंकारिया निन्दका पिठि देइ नामदेउ मुखि लायआ ॥ जन नानक ऐसा हरि सेव्या अंति लए छडायआ ॥४॥६॥१३॥२०॥
सलोकु मः १ ॥
आपे भांडे साजिअनु आपे पूरणु देइ ॥ इकन्ही दुधु समाईऐ इकि चुल्है रहन्हि चड़े ॥
इकि निहाली पै सवन्हि इकि उपरि रहनि खड़े ॥ तिन्हा सवारे नानका जिन्ह कउ नदरि करे ॥१॥
महला २ ॥
आपे साजे करे आपि जाई भि रखै आपि ॥ तिसु विचि जंत उपाइ कै देखै थापि उथापि ॥
किस नो कहीऐ नानका सभु किछु आपे आपि ॥२॥
Asa Di Vaar Path in Hindi
Asa Di Vaar in Hindi (pauri 24)
पउड़ी ॥
वडे कीआ वडिआईआ किछु कहणा कहणु न जाइ ॥ सो करता कादर करीमु दे जीआ रिजकु स्मबाहि ॥
साई कार कमावणी धुरि छोडी तिंनै पाइ ॥ नानक एकी बाहरी होर दूजी नाही जाइ ॥ सो करे जि तिसै रजाइ ॥२४॥१॥ सुधु