Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

 

 

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

बारह माहा मांझ महला ५ घरु ४
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥

किरति करम के वीछुड़े करि किरपा मेलहु राम ॥ चारि कुंट दह दिस भ्रमे थकि आए प्रभ की साम ॥
धेनु दुधै ते बाहरी कितै न आवै काम ॥ जल बिनु साख कुमलावती उपजहि नाही दाम ॥
हरि नाह न मिलीऐ साजनै कत पाईऐ बिसराम ॥ जितु घरि हरि कंतु न प्रगटई भठि नगर से ग्राम ॥
स्रब सीगार त्मबोल रस सणु देही सभ खाम ॥ प्रभ सुआमी कंत विहूणीआ मीत सजण सभि जाम ॥
नानक की बेनंतीआ करि किरपा दीजै नामु ॥ हरि मेलहु सुआमी संगि प्रभ जिस का निहचल धाम ॥१॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘चेत’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

चेति गोविंदु अराधीऐ होवै अनंदु घणा ॥ संत जना मिलि पाईऐ रसना नामु भणा ॥
जिनि पाइआ प्रभु आपणा आए तिसहि गणा ॥ इकु खिनु तिसु बिनु जीवणा बिरथा जनमु जणा ॥
जलि थलि महीअलि पूरिआ रविआ विचि वणा ॥ सो प्रभु चिति न आवई कितड़ा दुखु गणा ॥
जिनी राविआ सो प्रभू तिंना भागु मणा ॥ हरि दरसन कंउ मनु लोचदा नानक पिआस मना ॥
चेति मिलाए सो प्रभू तिस कै पाइ लगा ॥२॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘वैसाख’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

वैसाखि धीरनि किउ वाढीआ जिना प्रेम बिछोहु ॥ हरि साजनु पुरखु विसारि कै लगी माइआ धोहु ॥
पुत्र कलत्र न संगि धना हरि अविनासी ओहु ॥ पलचि पलचि सगली मुई झूठै धंधै मोहु ॥
इकसु हरि के नाम बिनु अगै लईअहि खोहि ॥ दयु विसारि विगुचणा प्रभ बिनु अवरु न कोइ ॥
प्रीतम चरणी जो लगे तिन की निरमल सोइ ॥ नानक की प्रभ बेनती प्रभ मिलहु परापति होइ ॥
वैसाखु सुहावा तां लगै जा संतु भेटै हरि सोइ ॥३॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘जेठ’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

हरि जेठि जुड़ंदा लोड़ीऐ जिसु अगै सभि निवंनि ॥ हरि सजण दावणि लगिआ किसै न देई बंनि ॥
माणक मोती नामु प्रभ उन लगै नाही संनि ॥ रंग सभे नाराइणै जेते मनि भावंनि ॥
जो हरि लोड़े सो करे सोई जीअ करंनि ॥ जो प्रभि कीते आपणे सेई कहीअहि धंनि ॥
आपण लीआ जे मिलै विछुड़ि किउ रोवंनि ॥ साधू संगु परापते नानक रंग माणंनि ॥
हरि जेठु रंगीला तिसु धणी जिस कै भागु मथंनि ॥४॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘हाड़’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

आसाड़ु तपंदा तिसु लगै हरि नाहु न जिंना पासि ॥ जगजीवन पुरखु तिआगि कै माणस संदी आस ॥
दुयै भाइ विगुचीऐ गलि पईसु जम की फास ॥ जेहा बीजै सो लुणै मथै जो लिखिआसु ॥
रैणि विहाणी पछुताणी उठि चली गई निरास ॥ जिन कौ साधू भेटीऐ सो दरगह होइ खलासु ॥
करि किरपा प्रभ आपणी तेरे दरसन होइ पिआस ॥ प्रभ तुधु बिनु दूजा को नही नानक की अरदासि ॥
आसाड़ु सुहंदा तिसु लगै जिसु मनि हरि चरण निवास ॥५॥

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(‘सावन’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

सावणि सरसी कामणी चरन कमल सिउ पिआरु ॥ मनु तनु रता सच रंगि इको नामु अधारु ॥
बिखिआ रंग कूड़ाविआ दिसनि सभे छारु ॥ हरि अम्रित बूंद सुहावणी मिलि साधू पीवणहारु ॥
वणु तिणु प्रभ संगि मउलिआ सम्रथ पुरख अपारु ॥ हरि मिलणै नो मनु लोचदा करमि मिलावणहारु ॥
जिनी सखीए प्रभु पाइआ हंउ तिन कै सद बलिहार ॥ नानक हरि जी मइआ करि सबदि सवारणहारु ॥
सावणु तिना सुहागणी जिन राम नामु उरि हारु ॥६॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘भादों’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

भादुइ भरमि भुलाणीआ दूजै लगा हेतु ॥ लख सीगार बणाइआ कारजि नाही केतु ॥
जितु दिनि देह बिनससी तितु वेलै कहसनि प्रेतु ॥ पकड़ि चलाइनि दूत जम किसै न देनी भेतु ॥
छडि खड़ोते खिनै माहि जिन सिउ लगा हेतु ॥ हथ मरोड़ै तनु कपे सिआहहु होआ सेतु ॥
जेहा बीजै सो लुणै करमा संदड़ा खेतु ॥ नानक प्रभ सरणागती चरण बोहिथ प्रभ देतु ॥
से भादुइ नरकि न पाईअहि गुरु रखण वाला हेतु ॥७॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘अस्सू’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

असुनि प्रेम उमाहड़ा किउ मिलीऐ हरि जाइ ॥ मनि तनि पिआस दरसन घणी कोई आणि मिलावै माइ ॥
संत सहाई प्रेम के हउ तिन कै लागा पाइ ॥ विणु प्रभ किउ सुखु पाईऐ दूजी नाही जाइ ॥
जिंन्ही चाखिआ प्रेम रसु से त्रिपति रहे आघाइ ॥ आपु तिआगि बिनती करहि लेहु प्रभू लड़ि लाइ ॥
जो हरि कंति मिलाईआ सि विछुड़ि कतहि न जाइ ॥ प्रभ विणु दूजा को नही नानक हरि सरणाइ ॥
असू सुखी वसंदीआ जिना मइआ हरि राइ ॥८॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘कत्तक’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

कतिकि करम कमावणे दोसु न काहू जोगु ॥ परमेसर ते भुलिआं विआपनि सभे रोग ॥
वेमुख होए राम ते लगनि जनम विजोग ॥ खिन महि कउड़े होइ गए जितड़े माइआ भोग ॥
विचु न कोई करि सकै किस थै रोवहि रोज ॥ कीता किछू न होवई लिखिआ धुरि संजोग ॥
वडभागी मेरा प्रभु मिलै तां उतरहि सभि बिओग ॥ नानक कउ प्रभ राखि लेहि मेरे साहिब बंदी मोच ॥
कतिक होवै साधसंगु बिनसहि सभे सोच ॥९॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘मघ्घर’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

मंघिरि माहि सोहंदीआ हरि पिर संगि बैठड़ीआह ॥ तिन की सोभा किआ गणी जि साहिबि मेलड़ीआह ॥
तनु मनु मउलिआ राम सिउ संगि साध सहेलड़ीआह ॥ साध जना ते बाहरी से रहनि इकेलड़ीआह ॥
तिन दुखु न कबहू उतरै से जम कै वसि पड़ीआह ॥ जिनी राविआ प्रभु आपणा से दिसनि नित खड़ीआह ॥
रतन जवेहर लाल हरि कंठि तिना जड़ीआह ॥ नानक बांछै धूड़ि तिन प्रभ सरणी दरि पड़ीआह ॥
मंघिरि प्रभु आराधणा बहुड़ि न जनमड़ीआह ॥१०॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘पोह’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

पोखि तुखारु न विआपई कंठि मिलिआ हरि नाहु ॥ मनु बेधिआ चरनारबिंद दरसनि लगड़ा साहु ॥
ओट गोविंद गोपाल राइ सेवा सुआमी लाहु ॥ बिखिआ पोहि न सकई मिलि साधू गुण गाहु ॥
जह ते उपजी तह मिली सची प्रीति समाहु ॥ करु गहि लीनी पारब्रहमि बहुड़ि न विछुड़ीआहु ॥
बारि जाउ लख बेरीआ हरि सजणु अगम अगाहु ॥ सरम पई नाराइणै नानक दरि पईआहु ॥
पोखु सोहंदा सरब सुख जिसु बखसे वेपरवाहु ॥११॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘माघ’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

माघि मजनु संगि साधूआ धूड़ी करि इसनानु ॥ हरि का नामु धिआइ सुणि सभना नो करि दानु ॥ जनम करम मलु उतरै मन ते जाइ गुमानु ॥ कामि करोधि न मोहीऐ बिनसै लोभु सुआनु ॥ सचै मारगि चलदिआ उसतति करे जहानु ॥ अठसठि तीरथ सगल पुंन जीअ दइआ परवानु ॥ जिस नो देवै दइआ करि सोई पुरखु सुजानु ॥ जिना मिलिआ प्रभु आपणा नानक तिन कुरबानु ॥ माघि सुचे से कांढीअहि जिन पूरा गुरु मिहरवानु ॥१२॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics

(‘फग्गन’ महीना — संक्रांति हुकमनामा)

फलगुणि अनंद उपारजना हरि सजण प्रगटे आइ ॥ संत सहाई राम के करि किरपा दीआ मिलाइ ॥ सेज सुहावी सरब सुख हुणि दुखा नाही जाइ ॥ इछ पुनी वडभागणी वरु पाइआ हरि राइ ॥ मिलि सहीआ मंगलु गावही गीत गोविंद अलाइ ॥ हरि जेहा अवरु न दिसई कोई दूजा लवै न लाइ ॥ हलतु पलतु सवारिओनु निहचल दितीअनु जाइ ॥ संसार सागर ते रखिअनु बहुड़ि न जनमै धाइ ॥ जिहवा एक अनेक गुण तरे नानक चरणी पाइ ॥ फलगुणि नित सलाहीऐ जिस नो तिलु न तमाइ ॥१३॥

जिनि जिनि नामु धिआइआ तिन के काज सरे ॥ हरि गुरु पूरा आराधिआ दरगह सचि खरे ॥ सरब सुखा निधि चरण हरि भउजलु बिखमु तरे ॥ प्रेम भगति तिन पाईआ बिखिआ नाहि जरे ॥ कूड़ गए दुबिधा नसी पूरन सचि भरे ॥ पारब्रहमु प्रभु सेवदे मन अंदरि एकु धरे ॥ माह दिवस मूरत भले जिस कउ नदरि करे ॥ नानकु मंगै दरस दानु किरपा करहु हरे ॥१४॥१॥

Barah Maha Maanjh Mahalla 5 Hindi Lyrics